BCCI ने महेंद्र सिंह धोनी को एक tribute दिया है क्या tribute है आपको सबसे पहले बता दूं कि जिस 7 नंबर की जर्सी को महेंद्र सिंह धोनी से पहनते थे, उसे बीसीसीआई ने रिटायर कर दिया है। जर्सी को रिटायर का क्या मतलब है आइये बताते है आपको क्योंकि खिलाड़ी अगर पहले ही रिटायर हो चुका है तो उसकी जर्सी को रिटायर करने का क्या मतलब है?
सबसे पहले तो मैं आपको बता दूं कि अब कोई भी खिलाड़ी 7 नंबर की उस जर्सी को पहनकर नहीं आएगा जैसा कि महेंद्र सिंह धोनी 7 नंबर वाली जर्सी पहनते थे , तो अब बीसीसीआई ने फैसला किया है कि कोई भी खिलाड़ी आगे से इस 7 नंबर वाली जर्सी पहनकर नहीं आएगा।
क्योंकि हम आप को यहाँ बता दे की कोई भी खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए खेलता है तो उसे 7 जर्सी का नंबर चुनने के लिए एक नंबर दिया जाता है यानी जर्सी नंबर, वह स्वतंत्र रूप से कोई भी नंबर चुन सकता है लेकिन अब वह सात नहीं बल्कि सात नंबर नहीं चुन पाएगा। चुन सकेंगे क्योंकि एक तरह से ये एम एल धोनी को Tribute है और इससे पहले भारतीय क्रिकेट में सिर्फ एक खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर की की जर्सी को रिटायर किया गया था जो दस नंबर पहनते थे साल 2017 में.

अब महेंद्र सिंह धोनी को भी बीसीसीआई की ओर से ट्रिब्यूट दिया गया है, यानी अब जो भी खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए खेलेगा वह ७ नंबर की जर्सी नहीं पहन पाएगा, M.S Dhoni वह पहले ही क्रिकेट से संन्यास ले चुके है। अभी भी आईपीएल खेल रहे हैं. महेंद्र सिंह धोनी आपको बता दें कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना आखिरी मैच 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले थे. भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा और वह उनका आखिरी मैच था
अगर भारतीय टीम की बात करें तो 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 मैच खेल चुके महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय क्रिकेट के लिए क्या किया है, ये बताने की जरूरत नहीं है. अगर हम सफेद गेंद को देखें तो तीन बड़ी घटनाएं हैं। 2013 में ICC चैंपियन ट्रॉफी जीतीं। 2007 में T20 विश्व कप जीता और 2011 में वनडे विश्व कप जीता, यानी अगर कोई कप्तान है जिसने सफेद गेंद के तीनों ICC इवेंट जीते हैं, तो वह केवल महेंद्र सिंह धोनी हैं और अब बीसीसीआई ने एक तरह से उन्हें अपनी जर्सी से Tribute दी है।
अगर उनकी बात करें तो भारतीय क्रिकेट में उनसे बड़ा कोई विकेटकीपर नहीं हुआ है. अगर दुनिया की बात करें तो उनसे आगे केवल दो ही विकेटकीपर हैं, दक्षिण अफ्रीका के मार्क वाउचर और ऑस्ट्रेलियाई टीम के क्लिकरिस्ट, लेकिन भारतीय क्रिकेट में ये सभी बड़े विकेटकीपर हैं। कोई बल्लेबाज नहीं था. ऐसा कोई कप्तान कभी नहीं हुआ. और इस तरफ एक तरह से बड़ा ऐलान किया गया है.